टीचर्स सेल्फ केयर टीम की स्थापना 26 जुलाई 2020 को शिक्षकों का, शिक्षकों के लिए, शिक्षकों के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी उत्तर प्रदेश पहली टीम है। टीचर्स सेल्फ केयर टीम से जुड़ने के लिए शिक्षक स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तो से सहमति के उपरांत वेबसाइट https://tsctdelhi.com के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करके जुड़ सकते हैं। टीचर्स सेल्फ केयर टीम से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नही लिया जाता है। टीचर्स सेल्फ केयर में सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी शिक्षक को बाध्य करके टीचर्स सेल्फ केयर टीम से नही जोड़ा जाता बल्कि शिक्षक स्वेच्छा से जुड़ते हैं।
टीचर्स सेल्फ केयर टीम का संचालन टीचर्स सेल्फ केयर समिति (रजि० नंबर- ALL / 04988/2020-21) करती है।
TSCT का लक्ष्य है कि प्रदेश के सभी शिक्षक इस टीम से जुड़े और टीम के किसी भी विधिक सदस्य की असामयिक मृत्यु पर उसके परिवार को सहयोग किया जाय|
Note : सदस्यों द्वारा अपना सहयोग सीधा मृतक शिक्षक/ शिक्षिका के नॉमिनी को दिया जाता है अतः आपके द्वारा दिए गए सहयोग के बदले सहयोग प्राप्त करने का कोई कानूनी अधिकार नही होगा, यह पूरी तरह सदस्यों की मर्जी पर निर्भर रहेगा, टीम द्वारा अपील करने पर सहयोग कम ज्यादा आने पर या ना आने की दशा में टीम जिम्मेदार नहीं होगी। क्योंकि टीम सिर्फ सहयोग की अपील करती है है अतः किसी तरह की देनदारी के लिए कानूनी अधिकार मान्य नहीं होगा। कोई तथ्य छुपा कर या बिना पात्रता पूरी किए जुड़ जाता है और सहयोग कर देता है तो उसका दावा मान्य नहीं होगा।
नोट - यदि किसी सदस्य को गंभीर बीमारी है और उसकी मृत्यु किसी अन्य कारणो से होती है तो उसे अन्य कारण का संतोषजनक साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। ऐसे प्रकरणो में प्रदेश कोर टीम/संस्थापक मंडल निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा।
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनो अलग प्रकार के प्रकरण होते हैं अतः गंभीर बीमारी के इलाज के दौरान हुए कार्डिक अरेस्ट को हार्ट अटैक की श्रेणी में नही माना जायेगा। इसलिए तत्संबंधी प्रकरणों में विषयानुरूप और परिस्थिति के अनुरूप निर्णय लिए जायेगे।
नोट -TSCT दिल्ली में रेजिस्ट्रेशन दिनांक 16 जुलाई 2025 को प्रारम्भ हुए हैं, रेजिस्ट्रेशन के उपरांत लॉक इन पीरियड 6 माह का होगा। आत्महत्या , मर्डर में नॉमिनी के आरोपी होने पर सहयोग नहीं प्रदान किया जाएगा एवं विशेष परिस्थितियों में अंतिम निर्णय संस्थापक मंडल का मान्य होगा । इसके साथ ही सम्पूर्ण नियमावली का सरलीकरण किया जा रहा है, जो कि आंशिक संशोधन के साथ वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा इसके पूर्व की नियमावली भी वेबसाइट पर उपलब्ध रहेगी।
किसी भी निर्णय की स्थिति में वेबसाइट पर अपलोड नियमावली की प्रति ही मान्य होगी।